GST : छोटे दुकानदार और व्यापारियों के लिए अच्छी खबर, सरकार ने मानी बड़ी बात
अगर आप भी ऑनलाइन या ई-कॉमर्स साइट्स से शॉपिंग करना पसंद करते हैं, तो ये खबर आपके लिए है. दरअसल छोटे व्यापारियों की 2 साल पुरानी एक मांग को आखिरकार मंजूरी दे दी गई है. जिसके चलते छोटे व्यापारी और दुकानदान खुश है।
HR Breaking News, Digital Desk- अगर आप भी ऑनलाइन (Online Shopping) या ई-कॉमर्स साइट्स (E-Commerce Sites) से शॉपिंग करना पसंद करते हैं, तो ये खबर आपके लिए है. शनिवार को जीएसटी परिषद (GST Council Meet) की 48वीं बैठक हुई. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में छोटे व्यापारियों (Small Traders on E-Commerce) की 2 साल पुरानी एक मांग को आखिरकार मंजूरी दे दी गई है. इससे ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स पर सस्ता सामान (Cheap Products on Online Shopping Platforms) मिलने का एक नया रास्ता खुल गया है.
माल एवं सेवाकर (Goods and Service Tax-GST) से जुड़े मामलों पर आखिरी फैसला जीएसटी परिषद लेती है. केंद्रीय वित्त मंत्री इसके अध्यक्ष होते हैं, वहीं सभी राज्यों के वित्त मंत्री या उनके प्रतिनिधि इसके सदस्य होते हैं.
मान ली गई व्यापारियों की ये मांग-
देश में ई-कॉमर्स के बढ़ते चलन को देखते हुए छोटे व्यापारी लंबे समय से जीएसटी में गैर-पंजीकृत व्यापारियों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर बिजनेस करने की अनुमति देने की मांग कर रहे थे. जीएसटी परिषद ने अपनी पिछली बैठक में इस पर सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी. शनिवार को हुई बैठक में इस पर अंतिम मुहर लगा दी गई.
जीएसटी परिषद ने कहा कि इसके लिए जीएसटी कानून और नियमों में अनुकूल संशोधनों से जुड़े नोटिफिकेशन जल्द जारी किए जाएंगे. हालांकि इस पूरी व्यवस्था को अगले साल 1 अक्टूबर तक लागू किया जा सकता है.
CAIT ने की सरकार की सराहना-
छोटे व्यापारियों के अखिल भारतीय संगठन CAIT ने जीएसटी परिषद के इस फैसले की सराहना की है. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि यह निर्णय छोटे व्यापारियों को ई-कॉमर्स के माध्यम से अपने व्यवसाय का विस्तार करने में सशक्त बनाएगा. यह पीएम नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया विजन को भी मजबूती प्रदान करेगा.
उन्होंने कहा कि देश में करीब 8 करोड़ छोटे व्यापारी हैं, लेकिन बड़ी संख्या में व्यापारी जीएसटी पंजीकरण के बिना व्यावसायिक गतिविधियों चलाते हैं. इसकी एक वजह उनकी वार्षिक बिक्री जीएसटी सीमा से बेहद कम होना है. ऐसे व्यापारी अब ई-कॉमर्स पर व्यापार कर सकेंगे जो उनके लिए बड़ी राहत की बात होगी.
ई-कॉमर्स साइट्स पर मिलेगा सस्ता सामान-
मौजूदा समय में भारत तेजी से ई-कॉमर्स हब के रूप में उभर रहा है. ई-कॉमर्स व्यवसाय अब देश के कुल रिटेल सेक्टर का लगभग 10% है. जबकि वस्त्र और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेक्टर्स में ये 25-50% तक हिस्सेदारी रखता है. ऐसे में जीएसटी काउंसिल के इस फैसले से इस सेगमेंट में और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, इससे अंतत: फायदा उपभोक्ता को होगा और उन्हें सस्ता सामान मिलेगा.