Success Story: पत्नी की डिलीवरी के समय छुट्टी लेने पर निकाला कंपनी से, आज खुद की कंपनी का टर्नओवर 8 करोड़ रुपये
 

आज हम आपको अपनी सक्सेस स्टोरी में एक डिलीवरी बॉय की कहानी बताने जा रहे है। जिसे अपनी पत्नी की डिलीवरी वाले दिन छुट्टी लेने के कारण उसे कंपनी ने निकाल दिया और आज उसी डिलीवरी बॉय ने अपनी मेहनत से खुद की कंपनी खड़ी कर दी है। जिसका टर्नओवर 8 करोड़ रुपये है।    

 

HR Breaking News, Digital Desk- आमतौर पर हम देखते है कि नौकरी जाने के बाद लोग तनाव में आ जाते हैं और अपनी हिम्मत खो देते हैं। लेकिन हम यहां आपको एक ऐसे शख्स की कहानी बता रहे हैं, जिसने नौकरी छूटने पर अपने दिल की सुनी और आज एक बड़ा बिजनेसमैन बन गया। ये शख्स है सुनील वशिष्ठ और जिनता सालाना कारोबार फिलहाल 80 करोड़ रुपए है।

आर्थिक तंगी के कारण सुनील दसवीं तक ही पढ़ पाए थे और सुनील पहले पिज्जा डिलीवरी बॉय का काम करने लगे थे, एक दिन उसकी नौकरी चली गई। इसके बाद सुनील ने दिमाग लगाया और अपने अनुभव के आधार पर फ्लाइंग केक नाम से अपनी कंपनी शुरू की। आज कई राज्यों के लोग फ्लाइंग केक आउटलेट पर बने केक का लुत्फ उठा रहे हैं।

सुनील बीती बातों को याद करते हुए बताते हैं कि जब उन्होंने 10वीं तक ही पढ़ाई की थी तो पिता ने कहा कि अब अपने दम पर जीवन जियो और सफलता दिखाओ। ऐसे में कभी सुनी कुरियर डिलीवरी बॉय तो कभी पिज्जा डिलीवरी बॉय का काम करने लगे। सुनील बताते हैं कि 1991 में उन्होंने दिल्ली में डीएमएस के बूथ पर दूध के पैकेट बांटने का पार्ट टाइम जॉब किया और तब उन्हें 200 रुपए महीने के मिलते थे।

काम से करते रहे थे पढ़ाई-

कुछ दिन काम करने के बाद सुनील ने आगे की पढ़ाई करने का फैसला किया और कॉलेज में प्रवेश लिया, लेकिन पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें नौकरी भी करनी थी। सुनील ब्लू डॉट कॉम कंपनी में कूरियर डिस्ट्रीब्यूशन का काम करने लगा। जब उन्होंने इससे कुछ पैसे कमाना शुरू किया तो पढ़ाई के प्रति उनका आकर्षण खत्म हो गया और सेकेंड ईयर में आते-आते पढ़ाई छोड़ दी और ढाई साल तक कूरियर कंपनी में काम किया। फिर कंपनी बंद हो गई और वह बेरोजगार गए।

इसके बाद साल 1997 में रोजगार की तलाश में भटक रहे सुनील को पता चला कि डोमिनोज नाम की एक विदेशी कंपनी ने दिल्ली के ग्रेटर कैलाश इलाके में अपना पहला आउटलेट खोला है। सुनील डोमिनोज के लिए इंटरव्यू दिया लेकिन अंग्रेजी की कमी के कारण फेल हो गए। फिर तीसरी बार कोशिश की। इस बार साक्षात्कारकर्ता ने कहा कि वह उन्हें दो बार विफल कर चुका है। फिर बार-बार क्यों आते हो? इस पर सुनील ने जवाब दिया कि सर आप मौका दीजिए और देखिए। मैं अंग्रेजी भी सीखूंगा। इसके बाद सुनील को डोमिनोज में पिज्जा डिलीवरी बॉय बना दिया गया।

डिलिवरी बॉय बनकर की मेहनत, पत्नी की डिलीवरी के समय भी नहीं दी छुट्टी-

पिज्जा बॉय का काम सुनील ने काफी मेहनत से किया था। इसलिए उन्हें प्रमोशन भी मिला। उसने शादी भी कर ली। सब कुछ ठीक चल रहा था, फिर एक दिन जब उसकी पत्नी गर्भवती थी और उसकी डिलीवरी होनी थी, तो कंपनी ने उसे छुट्टी नहीं दी। इसके बाद जब वह अपने कनिष्ठ को काम सौंप कर चला गया तो उसके सीनियर ने उसे नौकरी से निकाल दिया। नौकरी छोड़ने के बाद सुनील वशिष्ठ की जिंदगी बदल गई।

नौकरी छोड़ने के बाद उसने अपना काम करना ही बेहतर समझा। इसके बाद सुनील ने जेएनयू के सामने फूड स्टॉल लगाना शुरू कर दिया। लेकिन कुछ दिन बाद एमसीडी वालों ने उसे अवैध बताकर तोड़ दिया। तब सुनील ने जगह की दिक्कत होने पर केक, पिज्जा आदि का ऑर्डर करने का काम शुरू कर दिया।


दोस्त से पैसे उधार लेकर खोली दुकान-

सुनील ने तेजी से बढ़ते नोएडा में केक की दुकान खोलने का मौका नहीं छोड़ा और साल 2007 में एक दोस्त से पैसे उधार लेकर नोएडा के शॉप्रिक्स मॉल में दुकान लगा ली। दुकान का नाम फ्लाइंग केक है। उनके द्वारा बनाए गए ताजे केक लोगों को पसंद आने लगे और बहुत जल्द ही उनके केक की मांग बढ़ने लगी।

उसके बाद सुनील को छोटी-छोटी निजी कंपनियों से केक ऑर्डर मिलने लगे और काम चलता रहा। आज फ्लाइंग केक की कई फ्रेंचाइजी और आउटलेट खुल गए हैं और आज उनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर 8 करोड़ से ज्यादा है।